ओ मोरी अँखिया तोसे
ओ मोरी अँखिया तोसे
विनति करत हौं
ठाकुर से कर ले मिलनवा हो ||
मिलनवा हो अँखिया ....
भेद न जाने मुरतिया भावे
थर थर जियरा करेजवा में जागे
जिया मोरा लागे ना
मन मोरा माने ना
कब होईहें पिया दरशनवा हो ||
दरशनवा हो अँखिया ....
संग चलत जग सब दिन रतिया
काल करम के छोड़ के बतिया
लै के सदगुरु
नाम मंतरवा
जीवन के लागे वरधनवा हो ||
वरधनवा हो अँखिया ....
घड़ी घड़ी तड़पे नयन मोरा बरसे
प्रियतम आज चरणवा को तरसे
लागी अब छूटे ना
डोर अब टूटे ना
अब छाये ठाकुर लगनवा हो ||
लगनवा हो अँखिया ....
BHAJAN DEEPALI
Thursday, October 7, 2010
Chhod Ke Jag Moh Ki Maaya
छोड़ के जग मोह की माया
छोड़ के जग मोह की माया
दयाल तेरे ही शरण में आया
अब कोई हमें भटकाए ना ||
काली घटा नभ पे छाए
तमस का ही गीत गाये
ढूंढ़ती किरणों की ये माला ||
बीते समय पंख लगाकर
सोया तन मन को जगा कर
मिल गई है दिल की ये आशा ||
किया किसने ऐसा जादू
कण कण जिसके सब है काबू
जोगी भोगी सबने या माना ||
सत्य नूतन शिव भी नूतन
लेकर जीवनवाद नरातन
पुरुषोत्तम ज्योति की धारा ||
छोड़ के जग मोह की माया
दयाल तेरे ही शरण में आया
अब कोई हमें भटकाए ना ||
काली घटा नभ पे छाए
तमस का ही गीत गाये
ढूंढ़ती किरणों की ये माला ||
बीते समय पंख लगाकर
सोया तन मन को जगा कर
मिल गई है दिल की ये आशा ||
किया किसने ऐसा जादू
कण कण जिसके सब है काबू
जोगी भोगी सबने या माना ||
सत्य नूतन शिव भी नूतन
लेकर जीवनवाद नरातन
पुरुषोत्तम ज्योति की धारा ||
Bhajo Man Guru Charan Hai Dhaam
भजो मन गुरु चरण है धाम
भजो मन गुरु चरण है धाम
जप ले निशदिन अमृत प्रभु नाम
जीवन रक्षक सदगुरु समरथ
परमदयाल हरि नाम ||
शोक ज्वाला शंका कारण
दूर करे सब दुःख वेदन
प्यासे मन में उष्ण तापन में
शीतल वारि नाम ||
पाप मिटेगा लोभ हिंसा
होगी अभय शान्ति की वर्षा
शीत लहर में हिमल तन में
ज्योति तपन है नाम ||
परमपुरुष प्रभु दाता ज्ञानी
अमर नाम के धाता नामी
जन्ममरण में जीवन रण में
उद्धाता है नाम ||
भजो मन गुरु चरण है धाम
जप ले निशदिन अमृत प्रभु नाम
जीवन रक्षक सदगुरु समरथ
परमदयाल हरि नाम ||
शोक ज्वाला शंका कारण
दूर करे सब दुःख वेदन
प्यासे मन में उष्ण तापन में
शीतल वारि नाम ||
पाप मिटेगा लोभ हिंसा
होगी अभय शान्ति की वर्षा
शीत लहर में हिमल तन में
ज्योति तपन है नाम ||
परमपुरुष प्रभु दाता ज्ञानी
अमर नाम के धाता नामी
जन्ममरण में जीवन रण में
उद्धाता है नाम ||
Mere Thakur Ji Param Dayal
मेरे ठाकुर जी परमदयाल
मेरे ठाकुर जी परम दयाल
मैं उनकी महिमा गाऊं |
प्रभुनाथ मेरे घणश्याम
मैं उनके शरण में जाऊ,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
कटे काल करम का फांस
चरणन में मैं वारा जाऊं,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
गुरु मेरे जीवन के आस
मोह मुक्ति का राह बनाऊं,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
जग उनकी दया से निहाल,
मैं प्रीत की भक्ति बढ़ाऊं,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
प्रभु करुणा है अगम अपार,
मैं उनपे बलिहारी जाऊं,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
अमृत वाणी जीवन का सार,
प्रियतम मेरे सबको बताऊँ,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
युगत्राता परम गुरु नाथ,
पुरुषोत्तम कृपा मैं पाऊं,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
मेरे ठाकुर जी परम दयाल
मैं उनकी महिमा गाऊं |
प्रभुनाथ मेरे घणश्याम
मैं उनके शरण में जाऊ,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
कटे काल करम का फांस
चरणन में मैं वारा जाऊं,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
गुरु मेरे जीवन के आस
मोह मुक्ति का राह बनाऊं,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
जग उनकी दया से निहाल,
मैं प्रीत की भक्ति बढ़ाऊं,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
प्रभु करुणा है अगम अपार,
मैं उनपे बलिहारी जाऊं,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
अमृत वाणी जीवन का सार,
प्रियतम मेरे सबको बताऊँ,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
युगत्राता परम गुरु नाथ,
पुरुषोत्तम कृपा मैं पाऊं,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
Wednesday, September 24, 2008
तुम बिन कौन प्रभु पार लगाए
तुम बिन कौन प्रभु पार लगाए ।
बीच भँवर में डोले नैया
पनघट का कौन राह दिखाए ॥
तुम बिन कौन ...
पानी गहरा दुर्गम सागर,
माँझी मूरख स्वामी दया कर।
तारणहारी तेरे बिन अब,
भवसिंधु में कौन सहाए॥
बीच भँवर में ...
शक्ति न भाए ज्ञान न आए ,
रोम-रोम प्रभु तुझको बुलाये।
जीवन स्वामी तेरे बिन अब,
काल करम से कौन बचाए॥
बीच भँवर में ...
दीन दयालु मंगलकारी,
तुझ बिन कोई न रक्षाकारी ।
प्राण तेरे चरणों में अब,
तू ही जीवन पथ दरशाए ॥
बीच भँवर में ...
बीच भँवर में डोले नैया
पनघट का कौन राह दिखाए ॥
तुम बिन कौन ...
पानी गहरा दुर्गम सागर,
माँझी मूरख स्वामी दया कर।
तारणहारी तेरे बिन अब,
भवसिंधु में कौन सहाए॥
बीच भँवर में ...
शक्ति न भाए ज्ञान न आए ,
रोम-रोम प्रभु तुझको बुलाये।
जीवन स्वामी तेरे बिन अब,
काल करम से कौन बचाए॥
बीच भँवर में ...
दीन दयालु मंगलकारी,
तुझ बिन कोई न रक्षाकारी ।
प्राण तेरे चरणों में अब,
तू ही जीवन पथ दरशाए ॥
बीच भँवर में ...
दयाल तू ही मेरा जीवन धरे
दयाल तू ही मेरा जीवन धरे,
(तेरी) अमृतवाणी वर्द्धन करे ।।
दयाल तू ही ....
दर-दर भटका चैन न पाया,
माया बंधन में सर चकराया।
दरद न जाने कोई, नाहीं पहचाने कोई,
(अब) तेरे चरण में आनन पड़े॥
दयाल तू ही ....
सबसे प्यारा तुम सहारा,
तुम बिना तो जग अँधियारा।
भेद न जाने कोई , सुरत न जाने कोई
(अब) तेरे शरण में जीवन तरे ॥
दयाल तू ही ....
जगत के स्वामी अन्तर्यामी,
दरश दिखाओ प्रभु परमनामी।
थामा डोर सोई, रहे न भरम कोई
(अब) तुम जगत के दुःख हरे।।
(तेरी) अमृतवाणी वर्द्धन करे ।।
दयाल तू ही ....
दर-दर भटका चैन न पाया,
माया बंधन में सर चकराया।
दरद न जाने कोई, नाहीं पहचाने कोई,
(अब) तेरे चरण में आनन पड़े॥
दयाल तू ही ....
सबसे प्यारा तुम सहारा,
तुम बिना तो जग अँधियारा।
भेद न जाने कोई , सुरत न जाने कोई
(अब) तेरे शरण में जीवन तरे ॥
दयाल तू ही ....
जगत के स्वामी अन्तर्यामी,
दरश दिखाओ प्रभु परमनामी।
थामा डोर सोई, रहे न भरम कोई
(अब) तुम जगत के दुःख हरे।।
सबसे सुंदर नाम ठाकुर जी
सबसे सुंदर नाम ठाकुर जी
महिमा मंडित ज्योति विभासित
मंगल आदि नाम ठाकुर जी॥
सबसे सुंदर ...
प्रेम स्वरुप त्रिभुवन भूप, अमल उज्जवल चिर अपरूप।
जीवन कारण मनचित भावन, ज्ञान गर्भित नाम ठाकुर जी॥
सबसे सुंदर ...
तनु पूतमंडित आनन शोभित, कमल नयन नित करुणा अंकित ।
मानस मोहन सर्व भय भंजन, चिर समादृत नाम ठाकुर जी॥
सबसे सुंदर ...
आनंद अनुपम आश्रय परम, असीम अनन्त गुरु पुरुषोत्तम।
अलख निरंजन साधन कारण, नित्य सुमिरण नाम ठाकुर जी॥
सबसे सुंदर ...
अधम हम दीन मोह में हुए क्षीण, अकूल के कुलस्वामी चरणों में करो लीन ।
अगति के गतिदाता प्रभु मेरे जीवन धाता, मुक्ति विधान नाम ठाकुर जी॥
सबसे सुंदर ...
महिमा मंडित ज्योति विभासित
मंगल आदि नाम ठाकुर जी॥
सबसे सुंदर ...
प्रेम स्वरुप त्रिभुवन भूप, अमल उज्जवल चिर अपरूप।
जीवन कारण मनचित भावन, ज्ञान गर्भित नाम ठाकुर जी॥
सबसे सुंदर ...
तनु पूतमंडित आनन शोभित, कमल नयन नित करुणा अंकित ।
मानस मोहन सर्व भय भंजन, चिर समादृत नाम ठाकुर जी॥
सबसे सुंदर ...
आनंद अनुपम आश्रय परम, असीम अनन्त गुरु पुरुषोत्तम।
अलख निरंजन साधन कारण, नित्य सुमिरण नाम ठाकुर जी॥
सबसे सुंदर ...
अधम हम दीन मोह में हुए क्षीण, अकूल के कुलस्वामी चरणों में करो लीन ।
अगति के गतिदाता प्रभु मेरे जीवन धाता, मुक्ति विधान नाम ठाकुर जी॥
सबसे सुंदर ...
Subscribe to:
Posts (Atom)