मेरे ठाकुर जी परमदयाल
मेरे ठाकुर जी परम दयाल
मैं उनकी महिमा गाऊं |
प्रभुनाथ मेरे घणश्याम
मैं उनके शरण में जाऊ,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
कटे काल करम का फांस
चरणन में मैं वारा जाऊं,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
गुरु मेरे जीवन के आस
मोह मुक्ति का राह बनाऊं,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
जग उनकी दया से निहाल,
मैं प्रीत की भक्ति बढ़ाऊं,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
प्रभु करुणा है अगम अपार,
मैं उनपे बलिहारी जाऊं,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
अमृत वाणी जीवन का सार,
प्रियतम मेरे सबको बताऊँ,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
युगत्राता परम गुरु नाथ,
पुरुषोत्तम कृपा मैं पाऊं,
मैं उनकी महिमा गाऊं ||
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