तुम बिन कौन प्रभु पार लगाए ।
बीच भँवर में डोले नैया
पनघट का कौन राह दिखाए ॥
तुम बिन कौन ...
पानी गहरा दुर्गम सागर,
माँझी मूरख स्वामी दया कर।
तारणहारी तेरे बिन अब,
भवसिंधु में कौन सहाए॥
बीच भँवर में ...
शक्ति न भाए ज्ञान न आए ,
रोम-रोम प्रभु तुझको बुलाये।
जीवन स्वामी तेरे बिन अब,
काल करम से कौन बचाए॥
बीच भँवर में ...
दीन दयालु मंगलकारी,
तुझ बिन कोई न रक्षाकारी ।
प्राण तेरे चरणों में अब,
तू ही जीवन पथ दरशाए ॥
बीच भँवर में ...
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