ओ मोरी अँखिया तोसे
ओ मोरी अँखिया तोसे
विनति करत हौं
ठाकुर से कर ले मिलनवा हो ||
मिलनवा हो अँखिया ....
भेद न जाने मुरतिया भावे
थर थर जियरा करेजवा में जागे
जिया मोरा लागे ना
मन मोरा माने ना
कब होईहें पिया दरशनवा हो ||
दरशनवा हो अँखिया ....
संग चलत जग सब दिन रतिया
काल करम के छोड़ के बतिया
लै के सदगुरु
नाम मंतरवा
जीवन के लागे वरधनवा हो ||
वरधनवा हो अँखिया ....
घड़ी घड़ी तड़पे नयन मोरा बरसे
प्रियतम आज चरणवा को तरसे
लागी अब छूटे ना
डोर अब टूटे ना
अब छाये ठाकुर लगनवा हो ||
लगनवा हो अँखिया ....
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