Wednesday, September 24, 2008

तुम बिन कौन प्रभु पार लगाए

तुम बिन कौन प्रभु पार लगाए ।
बीच भँवर में डोले नैया
पनघट का कौन राह दिखाए ॥
तुम बिन कौन ...
पानी गहरा दुर्गम सागर,
माँझी मूरख स्वामी दया कर।
तारणहारी तेरे बिन अब,
भवसिंधु में कौन सहाए॥
बीच भँवर में ...
शक्ति न भाए ज्ञान न आए ,
रोम-रोम प्रभु तुझको बुलाये।
जीवन स्वामी तेरे बिन अब,
काल करम से कौन बचाए॥
बीच भँवर में ...
दीन दयालु मंगलकारी,
तुझ बिन कोई न रक्षाकारी ।
प्राण तेरे चरणों में अब,
तू ही जीवन पथ दरशाए ॥
बीच भँवर में ...

दयाल तू ही मेरा जीवन धरे

दयाल तू ही मेरा जीवन धरे,
(तेरी) अमृतवाणी वर्द्धन करे ।।
दयाल तू ही ....
दर-दर भटका चैन न पाया,
माया बंधन में सर चकराया।
दरद न जाने कोई, नाहीं पहचाने कोई,
(अब) तेरे चरण में आनन पड़े॥
दयाल तू ही ....
सबसे प्यारा तुम सहारा,
तुम बिना तो जग अँधियारा।
भेद न जाने कोई , सुरत न जाने कोई
(अब) तेरे शरण में जीवन तरे ॥
दयाल तू ही ....
जगत के स्वामी अन्तर्यामी,
दरश दिखाओ प्रभु परमनामी।
थामा डोर सोई, रहे न भरम कोई
(अब) तुम जगत के दुःख हरे।।

सबसे सुंदर नाम ठाकुर जी

सबसे सुंदर नाम ठाकुर जी
महिमा मंडित ज्योति विभासित
मंगल आदि नाम ठाकुर जी॥
सबसे सुंदर ...
प्रेम स्वरुप त्रिभुवन भूप, अमल उज्जवल चिर अपरूप।
जीवन कारण मनचित भावन, ज्ञान गर्भित नाम ठाकुर जी॥
सबसे सुंदर ...
तनु पूतमंडित आनन शोभित, कमल नयन नित करुणा अंकित ।
मानस मोहन सर्व भय भंजन, चिर समादृत नाम ठाकुर जी॥
सबसे सुंदर ...
आनंद अनुपम आश्रय परम, असीम अनन्त गुरु पुरुषोत्तम।
अलख निरंजन साधन कारण, नित्य सुमिरण नाम ठाकुर जी॥
सबसे सुंदर ...
अधम हम दीन मोह में हुए क्षीण, अकूल के कुलस्वामी चरणों में करो लीन ।
अगति के गतिदाता प्रभु मेरे जीवन धाता, मुक्ति विधान नाम ठाकुर जी॥
सबसे सुंदर ...

Sunday, September 21, 2008

ओ मनवा रे

ओ मनवा रे,
साध ले तू अमर जीवन, बाँध ले तू अमृत की धारा।
तन तम्बूरे सांसों का ये तार, टूटेगा, कब कौन जाने?
तोड़ के बंधन सारे, डोर गुरु की थामो; यहाँ डोर गुरु की थामो।।
जीवन नैया खेवन चला, कौन भला साहिल है तेरा ?
उफ़ान खाती नदिया ये नाव, डूबेगा, कब कौन जाने ?
तोड़ के बंधन.....
बीते दिन भजन बिना, दुर्लभ ये जनम बिगाड़ा ।
मूरख मन मति को आधार, मिलेगा कब कौन जाने ?
तोड़ के बंधन.....
अदभूत जगत की माया, स्वार्थ करम का सब मारा ।
भाई बन्धु दारा मीत, लूटेगा कब कौन जाने ?
तोड़ के बंधन.....
झूटे सब रिश्ते नाते, तेरे मेरे छोड़ दे ये सारा ।
किसी के प्रीत का ये साथ, छूटेगा कब कौन जाने ?
तोड़ के बंधन.....
जीवन गुरु परम दयाल, प्रभुनाथ सबका सहारा ।
सौंप दे तू अपना ये जीवन, बढ़ेगा ये तू भी जाने !
तोड़ के बंधन सारे, डोर गुरु की थामो; यहाँ डोर गुरु की थामो।।

Saturday, September 20, 2008

होगा भाई धन्य जीवन

होगा भाई धन्य जीवन, साधो ठाकुर चरण।
उनको वरण कर लो।।
सद् गुरु शरण में आओ, शिष्ट सुधि बोधि पाओ।
उनको वरण कर लो।।
होगा ....
देव मनुज सबके धाता, दयाल गुरु जग विधाता।
इष्ट पथ पर मन लगाना, चलना सबको चलाना॥
होगा...
बिन गुरु के जीवन प्यासा, प्रेम भक्ति गुरु निवासा।
सुधा वचन मूर्त कराना, बचना सबको बचाना ॥
होगा...
पुरुषोत्तम गुरुधारा, जल थल सब मुखर सारा।
प्रेम की गंगा बहाना, बढ़ना सबको बढ़ाना॥
होगा भाई धन्य जीवन, साधो ठाकुर चरण।
उनको वरण कर लो।।